लखनऊ में सप्ताहांत पर करने के लिए सबसे अच्छी चीजें क्या हैं?

लख़नऊ से हम हैं..और हमारे जवाब से लखनऊ..
वो जो फिज़ा में घुल रहीं हैं, वो हमारा लख़नवी अंदाज़ हैं..
वो शह़र जो दिल से आपको गले लगता हैं।जो आप एक बार यहां तशरीफ़ लाएंगे हुज़ूर, तो कसम परवरदीगार की यहीं के होकर रह जाएंगे.. दिल से।
अब चूंकि आप हमारे शहर में नए मालूम पड़ते हैं, तो बिल्कुल भी ना घबराएं, ये नाचीज़ हैं आपका ख़ैर-ए-मकदम करने के लिए और आपके हफ्ते भर को बस दो दिन के लिए, यादगार बनाने के लिए.. मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं..
❤ शह़र ऐ अदब..❤
तो आप किससे सफ़र करना पसंद करेंगे हुज़ूर..मेट्रो, आटो, रिक्शा, कैब,या फिर बग्घी.. जी हां!!!जो बताएं वो हाजिर।
  • अगर आपको चिकनकारी का महीन काम आकर्षित करता हैं और आप इस बात का इल्म रखते हैं कि चिकन सिर्फ खाया ही नहीं बल्कि पहना भी जाता हैं, औरआप बस उसके दीवाने हैं तो सबसे पहले आपका रूख होना चाहिए, पुराने लख़नऊ का चौक , अमीनाबाद की सज़ी मार्केट,आलमबाग मार्केट,हज़रतगंज का जनपथ मार्केट और अलीगंज का कपूरथला मार्केट।


  • इस शापिंग के बाद क्या अब आप थोड़ा घूमना पसंद करेंगे!! मेरी पसंदीदा जगह़ हैं,रेजीडेंसी का खंडहर , खुद में एक भव्य इमारत जो कभी अंग्रेज अफ़सरों का आवास था और 1857के गदर के दौरान उन्हीं अफसरों की जेल।
वैसे आप सफ़ेद बारादरी,भूल-भूलैया,लाल बारादरी,रूमी गेट,जनरल कोठी भी जा सकते हैं।
  • क्या आप संगीत के कदरदान हैं, अगर हां तो चलिए चलते हैं केस़रबाग स्थित परीखाना..अरे!!यहां संगीत की महसूस करने वाली रूहें हैं।अब यह जगह भातखण्डे संगीत विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता हैं।
लगता हैं साह़ब थक गए हैं.. और भूख भी लगी ही होगी…
क्या नोक्श भरमाएंगे..
  • मांसाहारी हैं तो: अमीनाबाद के टुंडे कबाब जो 112 से स्वाद के चटकारे लेने पर हमारे अज़ीज़ दोस्तों को मजबूर कर रही हैं। इसके चौक की पाया की नहारी,चौक ही की इदरीस की मटन बिरयानी,

  • शाकाहारी हैं तो: हजरतगंज की बाम्बे पांव भाजी, बाजपेयी की कचौड़ी,रायल कैफे की बास्केट चाट,अमीनाबाद की प्रकाश कुलफी,चौक की मक्खन मलाई,गोमतीनगर के नैनीताल मोमोज़, और आखिर में शर्मा की चाय…❤
अगले दिन:
आज रूख करते हैं, शह़र के एक पॉश इलाका जिसे गोमतीनगर के नाम से जाना जाता हैं। बस आपकी जेब गर्म होनी चहिए, बाकी आप नवाब..
  • बिग मॉल
  • फ़न रिपब्लिक
  • एस.आर.एस.
  • आइनाक्स
  • सिनेपोललिस
  • वेव मॉल
अब यहां आएं हैं और
  • जनेश्वर मिश्र पार्क ना जाएं, हो ही नहीं सकता..376 एकड़ में बना यह पार्क, आपके पैर थका देगा पर सिमट ना पाएगा..
  • अंंबेदकर उद्यान
अगर आप विज्ञान और तथ्यों के जानकार हैं तो पैरोंं को आराम ना देंं और चलिए, इंदिरा गांधी प्लैनेटेरियम।
थक कर चूर हो गए हैं, उम्मीद करते हैं आपका सप्ताहांत काबिले तारीफ़ जगहों को देखकर गुज़रा होगा.. और अब बस एक इलायची वाली चाय हो जाएं, वो भी कुल्लहड़ में चलते-चलते!!!


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