1. किरीट शक्तिपीठ (Kirit Shakti Peeth) :
किरीट शक्तिपीठ, पश्चिम बंगाल के हुगली नदी के तट लालबाग कोट पर स्थित है। यहां सती माता का किरीट यानी शिराभूषण या मुकुट गिरा था। यहां की शक्ति विमला अथवा भुवनेश्वरी तथा भैरव संवर्त हैं।
2. कात्यायनी शक्तिपीठ (Katyayani Shakti Peeth ) :
वृन्दावन, मथुरा के भूतेश्वर में स्थित है कात्यायनी वृन्दावन शक्तिपीठ जहां सती का केशपाश गिरे थे। यहां की शक्ति देवी कात्यायनी हैं तथा भैरव भूतेश है।
3. करवीर शक्तिपीठ (Karveer shakti Peeth) :
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित है यह शक्तिपीठ, जहां माता का त्रिनेत्र गिरा था। यहां की शक्ति महिषासुरमदिनी तथा भैरव क्रोधशिश हैं। यहां महालक्ष्मी का निज निवास माना जाता है।
4. श्री पर्वत शक्तिपीठ (Shri Parvat Shakti Peeth) :
इस शक्तिपीठ को लेकर विद्वानों में मतान्तर है कुछ विद्वानों का मानना है कि इस पीठ का मूल स्थल लद्दाख है, जबकि कुछ का मानना है कि यह असम के सिलहट में है जहां माता सती का दक्षिण तल्प यानी कनपटी गिरी थी। यहां की शक्ति श्री सुन्दरी एवं भैरव सुन्दरानन्द हैं।
5. विशालाक्षी शक्तिपीठ (Vishalakshi Shakti Peeth) :
उत्तर प्रदेश, वाराणसी के मीरघाट पर स्थित है शक्तिपीठ जहां माता सती के दाहिने कान के मणि गिरे थे। यहां की शक्ति विशालाक्षी तथा भैरव काल भैरव हैं।
6. गोदावरी तट शक्तिपीठ (Godavari Shakti Peeth) :
आंध्रप्रदेश के कब्बूर में गोदावरी तट पर स्थित है यह शक्तिपीठ, जहां माता का वामगण्ड यानी बायां कपोल गिरा था। यहां की शक्ति विश्वेश्वरी या रुक्मणी तथा भैरव दण्डपाणि हैं।
7. शुचीन्द्रम शक्तिपीठ (Suchindram shakti Peeth) :
तमिलनाडु, कन्याकुमारी के त्रिसागर संगम स्थल पर स्थित है यह शुची शक्तिपीठ, जहां सती के मतान्तर से पृष्ठ भाग गिरे थे। यहां की शक्ति नारायणी तथा भैरव संहार या संकूर हैं।
8. पंच सागर शक्तिपीठ (Panchsagar Shakti Peeth) :
इस शक्तिपीठ का कोई निश्चित स्थान ज्ञात नहीं है लेकिन यहां माता के नीचे के दांत गिरे थे। यहां की शक्ति वाराही तथा भैरव महारुद्र हैं।
9. ज्वालामुखी शक्तिपीठ (Jwalamukhi Shakti Peeth) :
हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा में स्थित है यह शक्तिपीठ, जहां सती की जीभ गिरी थी। यहां की शक्ति सिद्धिदा व भैरव उन्मत्त हैं।
10. भैरव पर्वत शक्तिपीठ (Bhairavparvat Shakti Peeth) :
इस शक्तिपीठ को लेकर विद्वानों में मतदभेद है। कुछ गुजरात के गिरिनार के निकट भैरव पर्वत को तो कुछ मध्य प्रदेश के उज्जैन के निकट क्षिप्रा नदी तट पर वास्तविक शक्तिपीठ मानते हैं, जहां माता का ऊपर का ओष्ठ गिरा है।
11. अट्टहास शक्तिपीठ ( Attahas Shakti Peeth) :
अट्टहास शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के लाबपुर में स्थित है। जहां माता का अध्रोष्ठ यानी नीचे का होंठ गिरा था। यहां की शक्ति पफुल्लरा तथा भैरव विश्वेश हैं।
11. अर्बुदा देवी शक्तिपीठ ( Arbuda Devi Shakti Peeth) :
राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित नीलगिरि की पहाड़ियों की सबसे ऊँची चोटी पर बसे माउंट आबू पर्वत पर स्थित अर्बुदा देवी का प्राचीन मंदिर. यह मंदिर माता के प्रमुख शक्ति स्थलों में गिना जाता है. यह देवी यहाँ की अराध्य देवी हैं मां अबुर्दा देवी को यहां पर अधर देवी, अम्बिका देवी के नाम से पुकारा जाता है. अबुर्दा माता का मंदिर एक प्राकृतिक गुफा के रुप में निर्मित है, जहां माता की जोत निरंतर जलती रहती है जहां माता के दर्शन हो पाते हैं.
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