Hill Station Near Delhi | दिल्ली के पास मौजूद ये हिल स्टेशन


सर्दियां शुरू हो चुकी हैं। ऐसे में वादियां और भी अधिक खूबसूरत लगने लगती है। एक तरफ सुबह से रात तक की भागदौड़ और दूसरी तरह वादियां का सुकुन, जाहिर सी बात है हर कोई उन पहाडो़ं में बिना किसी तनाव के कुछ दिन गुजारना चाहता है। तो अब जल्‍द ही अपना बैग पैक तैयार कर लिजिए, ट्रेफिक को भूलकर, फॉर्मल कपड़ों से बाहर निकलकर, कम्प्यूटर से पीछा छु़ड़ाकर, आर्टिफिशिल पेड़ पौधों से दूर जाकर झरने और जंगलों में एक तफरी करने के लिए। किस्मत अच्छी रही तो स्नोल फॉल भी देखने को मिल जाएगा। अब आप छुट्टियों की और बजट की टेंशन लेकर मत बैठ जाना।


जनाब क्रिसमस आ रहा है यानी हॉलिडे और इससे पहले दो वीकेंड भी तो हैं। रही बात बजट की तो हम आपको ऐसे हिल स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप दिल्ली से 5 घंटे में ही पहुंच सकते हैं और वो भी ना मात्र के खर्चें पर


लैंसडाउन
दिल्ली के सबसे करीब हिल स्टेशन है लैंसडाउन। दिल्ली और नेचर दोनों के सबसे ज्यादा करीब है ये जगह…यहां आकर आपको शांति तो महसूस होगी ही, साथ ही आप यहां बहुत जगह एक्सप्लोर भी कर सकते हैं। उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल में बसा इस शहर को अंग्रेजों ने पहाड काटकर बसाया था। यहां आप टिप एन टॉप, ताड़केश्वर महादेव, चर्च पॉइन्ट घूम सकते हैं। ट्रेकिंग का शौक रखते हैं तो वो भी आप यहां पर पूरा सकते हैं। दिल्‍ली से करीब 260 किमी. दूर इस जगह लोग सनराइज देखने भी आते हैं।

पंगोट
दिल्ली के करीब और स्नो भी चाहिए तो वो जगह है पंगोट…। नैनीताल से करीब एक घंटे लगते हैं यहां तक पहुंचने में…भले ही यहां आबादी ज्यादा न हो, लेकिन इतनी साफ बर्फ आपको कहीं और नहीं मिलेगी। यही नहीं आप अपने होटल के रूम के अंदर तक हवा की तेज आवाजे सुन सकते हैं। यहां आप दिन के समय जंगल में ट्रेक कर सकते हैं तो रात में सफारी पर भी जा सकते हैं।


मोरनी हिल्स
दिल्ली से पांच घंटे की ड्राइव करके मोरनी हिल्स तक पहुंचा जा सकता है। अपने नाम के मुताबिक ही ये जगह भी उतनी ही खूबसूरत है। हरियाणा के पंचकूला में इस स्थित इन वादियों में आप सभी तरह के एडवेंचर स्पोर्ट्स का भी मजा ले सकते हैं। यहां आप ऐतिहासिक फोर्ट तो देख ही सकते है साथ ही तरह-तरह के पक्षियों से भी मिल सकते हैं।

नहान


4 घंटे 30 मिनट में आप एक और हिल स्‍टेशन पर पहुंच सकते हैं और ये हिमाचल प्रदेश का नहान शहर। यहां आकर आपको भी महसूर होगा कि आप प्रकृति की गोद में बैठे हुए हैं। यहां आकर अगर आपका मन पहाड़ों से भर जाए तो आप सुकेती फॉसिल पार्क का भी एक चक्कर लगा आइएगा। नहीं तो मंदिर और रानी ताल भी देख सकते हैं।


कसौल
पैराग्लाइडिंग, कैंपिंग और नेचर वॉक करने का अपना शौक पूरा करना चाहते हैं तो इसके लिए भी आपको ज्यादा दूर जाने की जरूरत नहीं है। कसौल है ना, यहां आने का सबसे अच्छा समय नवंबर से मार्च का होता है। यहां आप सुकुन के लिए सुबह-सुबह नेचर वॉक पर जाए और दिन चढ़ते अगर कुछ तुफानी करने का मन हो रहा हो तो पैराग्लाइडिंग करने भी जा सकते हैं। इसके अलावा कैंपिंग और ट्रेकिंग भी अच्छा ऑप्शन है।


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